Gurgaon 2017-A Pankaj Tripathy Film


गुड़गाँव 2017
द्वारा
शंकर रमन





पंकज त्रिपाठी की नज़रों में गुड़गाँव में उनका रोल उनके करियर के बेहतरीन किरदारों में से है । क्रिटिक्स ने भी इस फिल्म को सर आँखों पर बैठाया है । फिल्म को लेकर मार्केट में एक हवा भी है ,जिसके चलते मैं इसे देखने को तत्पर था । क्या दर्शन उतने ही बड़े निकले जितना की नाम सुना था ?
गुड़गाँव फिल्म है एक परिवार पर केन्द्रित ,जो बाहर से तो बहुत सम्पन्न और प्रभावशाली दिखता है पर अंदर से उतना भी बिखरा हुआ है। पंकज त्रिपाठी परिवार  का मुखिया है  और एक बड़ा रियल इस्टेट देवेलपर भी । एक जमाने वह फायरब्रांड रहा होगा ,आज तो वह सोचते हुए शराब पीता रेहता है या फिर शराब पीते हुए सोचता रहता है । विपत्तियाँ सर पर पड़ जाती हैं,लेकिन यह किरदार शराब छोड़कर परिवार के लिए खड़ा नहीं हो पाता । उसका एक बेटा है,अक्षय ओबेरॉय ,जो बॉक्सर था ,नशा करता है ,सट्टा लगाता है,जिम खोलना चाहता है और चूंकि बाप उसको ज़मीन  नहीं देता ,इसलिए बाप से गिले रखता  है । उसको बहुत नफरत है अपनी गोद ली हुई बहन,रागिनी खन्ना,से ,जिसको पंकज त्रिपाठी अपनी खुशकिस्मत मानता है ।एक और छोटा भाई है,वह भी हर मायने में शैतान का ही नाती है । अमीर बशीर पंकज त्रिपाठी के छोटे भाई के किरदार में है और वह आकर बहुत धमाचौकड़ी मचाता है ।
खैर फिल्म टिकी है ज़मीन और जायदाद की लड़ाई पर। फ़्लैशबैक में दिखाया गया है की कैसे पंकज अपनी दूधमूही बच्ची की हत्या कर देता है ,पर बाद में एक साधू के कहने पर एक कन्या को गोद लेता है जो उसकी किस्मत चमका देती है । हरयाणा में फ़ीमेल इंफेंटीसाइड एक बड़ी समस्या रही है और आज भी उनका सेक्स रैशियो इस कारण बहुत गड़बड़ है । फिल्म में हिंसा बहुत है । फिल्म का ट्रीटमंट बहुत ही ब्लीक है । नैराश्य ,अकेलेपन और आने वाले अनिष्ट का अंदेशा पूरी फिल्म को कोहरे की तरह ढके रेहता है । फिल्म में लाइट और केमरा के उपयोग से यह माहौल बनाया गया है । न सिर्फ पंकज,अपितु रागिनी,अक्षय और आमिर बशीर सभी नें शानदार काम किया है । फिल्म अपनी तारीफ की हकदार है ।   

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