दिल पे मत ले यार - मामला गड़बड़ा गया

 हंसल मेहता कृत दिल पे मत ले यार (1999)

 


जौनपुर का राम शरण पांडे एक मोटर मेकेनिक है । वह एक खरा और ईमानदार आदमी है । उसकी मुलाक़ात एक पत्रकार से होती है जो अपनी गाड़ी ठीक करवाने गेरेज आई है । वह उसकी सादगी और नेकदिली पर कायल है और उसकी कहानी अखबार में छापती है । दोनों में कुछ मुलाकातें होती हैं । पाण्डेय जी महिला को दिल दे बैठते हैं पर ज़ाहिर है वह ऐसा नहीं सोचती । एक बार अपनी प्रेयसी और उसके बॉस को कामरत देखकर पाण्डेय का दिल टूट जाता है और वह दुबई जाने का मन बना लेता है । इसके लिए चाहे जो करना पड़े, वह राज़ी है ।

पांडे का दोस्त है गायतोंडे, जो अपनी बीबी के साथ मुंबई में ही रहता है । बीबी उसे खाली बैठने का ताना देती है, गायतोंडे कुछ कर नहीं पाता है । फिर उसका एक दोस्त आ जाता है सीधे दुबई से, नाम है टीटो । यह दुबई रिटर्न फांकालोजी में पीएचडी है और गायतोंडे की कमसिन बीबी को फांस लेता है । पांडे को दुबई जाने का आइडिया टीटो ही देता है । 

हंसल मेहता ने क्या ड्रीम कास्ट बैठाई थी - मनोज बाजपेयी (पांडे), सौरभ शुक्ल (गायतोंडे) और अदित्य श्रीवास्तव (टीटो)। तीनों कलाकार समा बांध देते हैं । पत्रकार का रोल किया है तब्बू ने, जो बेहद खूबसूरत लगी है । उसका बॉस है हर्ष छाया । महेश भट्ट भी एक्स्टेंडेड केमिओ में है । जिसमे वह जी भर के चाटता है ।

कहानी में भी दम है , पर कहीं न कहीं जाकर अटक जाती है । एक तो फिल्म में पांडे का दिल टूटने पर खूनी बन जाना और दुबई भागने की ज़िद करने लगना समझ नहीं आता । फिर वह अजीब तरह से रोता चिल्लाता भी है । दर्शक अपने हीरो को देहाती झेल सकते हैं पर चूतिया नहीं । मनोज की भाव भंगिमाएँ , खासकर मर्डर करने के बाद और फिर दुबई पहुँच कर भी कुछ जमती नहीं हैं । फिल्म शायद वहीं पटरी पर से उतरती है । कुलमिलाकर मनोज बाजपेयी बेहतर कर सकता था । सौरभ, अदित्य और तब्बू ने तो अपना काम किया है । स्क्रिप्ट के लेवेल पर भी संभवतः मनोज और तब्बू का काँटा थोड़ा गहरा और लंबा फंसा हुआ दिखाया जा सकता था । मनोज को हँसते हुए हल्का-फुल्का हास्य करते देखना कोई मज़ेदार अनुभव नहीं होता- करवाना था तो फिर फूल ब्लोन डार्क कामेडी कारवाई होती ।

फिल्म से कोहलीवाड़ा के मछवारों की भावनाएं आहात हो गई थीं । कुछ मछ्वरिनो ने हंसल के दफ्तर आकार उसके कपड़े फाड़ दिये थे और उसपर स्याही फेंक दी थी । इस लिहाज से तो फिल्म तो अच्छी पब्लिसिटी मिली थी , पर उसका फाइदा बॉक्स ऑफिस पर नहीं मिल पाया ।

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